कंटेनमेंट जोन में नहीं होंगे त्योहारों के आयोजन, स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश जारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने SOP जारी करते हुए कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों से त्योहारों को अपने घरों में ही मनाने की अपील की है.
भारत में फेस्टिव सीजन (festive season) शुरू होने जा रहा है. देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर किसी को त्योहारी सीजन का इंतजार है. लेकिन इस सीजन में कोरोना (Covid-19) के फैलने का भी उतना ही खतरा है. त्योहारों के दौरान कोरोना संक्रमण के फैलाव के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) जारी करते हुए कंटेनमेंट जोन (containment zone) में रहने वाले लोगों से त्योहारों को अपने घरों में ही मनाने की अपील की है.
मंत्रालय ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर ही उत्सव-त्योहारों के कार्यक्रम या समारोह आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी. कंटेनमेंट जोन के आयोजकों, कर्मचारियों और मेहमानों को इनमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कंटेनमेंट जोन के अंदर रहने वाले लोगों को अपने घरों के अंदर ही सभी त्योहार मनाने की सलाह दी जाती है.
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एसओपी में कहा गया है कि त्योहारों से जुड़े, मेले, रैली, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक समारोह, जुलूस और कॉन्सर्ट्स आदि के आयोजकों को समारोह स्थल पर लोगों के स्थान की पहचान करने, थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन जैसे उपायों का पालन करने के लिए योजना तैयार करनी होगी.
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि कई दिन या हफ्तेभर चलने वाले समारोहों के दौरान पीक अवर्स या खास दिन को चिन्हित करते हुए आयोजकों को बार-बार सैनिटाइजेशन करना, भीड़ को कंट्रोल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना होगा.
रैली और विसर्जन जुलूस में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य होगा. इतना ही नहीं, लंबी रैली या जुलूस में एंबुलेंस सुविधा भी होनी चाहिए.
मंत्रालय का कहना है कि लोगों की कम संख्या रखने और प्रवेश पर रोक लगाने पर विचार किया जा सकता है. थर्मल स्कैनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने को सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की जानी चाहिए.
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सभी मानदंडों का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर क्लोज सर्किट कैमरे होने चाहिए. रैलियों और जुलूसों के लिए रास्ते की प्लानिंग, विसर्जन स्थलों की पहचान, लोगों की संख्या तय करना, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए तैयारी करने आदि के लिए पहले से योजनाएं बनानी चाहिए और उन्हें लागू करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
08:00 AM IST